भारत के अंध्विश्वास में छुपे वैज्ञानिक कारण

7:41 am
भारत आतंकवाद,प्रदूषण,अतिजनसँख्या तथा अंध्विश्वास से ग्रसित सबसे बड़ा देश है! जहाँ किसी अपवाद या अंदश्रद्धा को फैलने में देर नहीं
लगता,लेकिन आज भारत के अंध्विश्वास में छुपे कुछ वैज्ञानिक कारणों की चर्चा करेंगे! अंध्विश्वास का नाम सुनकर हमारे मन में रूढ़िवादी प्रारंभिक विचार उमड़ आता है! लेकिन भारत के पौराणिक गाथाओं में रूढ़िवादी विचारों का कोई स्थान नहीं है! ये केवल मध्यकाल में ढोंगियों और गलत विचारधारा वाले मुठ्ठी भर लोग जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए किसी को अपना नहीं माना। और यह आज किसी के लिए भी सामान्य हो गया है। ऐसे विचारो को फ़ैलाने का मकसद केवल धन का लालच होता है।


 भारत में ऐसे ऋषिमुनि थे जिन्होंने भारत को नई ऊर्जा से अवगत कराया। योग, जड़ीबूटियों का उपयोग, वेद, पुराण आदि ग्रंथो को लिखा जिससे दुनिया आज इसकी मदद से इतनी विकसित हो सकी। लेकिन रूढ़ियों ने अपना प्रभाव बनाया रखा।






                                                                                                          
हमने पिछले ब्लॉग(https://thoughtworldin.blogspot.com/2020/01/blog-post_6.html) में जाना भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अंध्विश्वास कैसे प्रभावशाली है। इस ब्लॉग में हम कुछ ऐसी श्रद्धा जो भारत में वैज्ञानिक तर्कों पर सही है को जानेंगे।






पीपल के पेड़ या किसी अन्य पेड़ को भगवन मानकर उसकी पूजा करना। ये रिवाज केवल भारत में प्रचलित है। जिसे दुनिया के सभी देशों ने एक सन्देश के रूप में जाना। पेड़ो को जीवनदायक कहा जाता है। क्योंकि पेड़ ही है जो मनुष्यों को जीने की सबसे मूल आवश्यक्ता ऑक्सीज़न मुफ़्त में प्रदान करती है। कार्बनडाइऑक्सइड और ऑक्सीज़न की मात्रा का संतुलन बनाये रखती है। लेकिन जिस तरह मनुष्य अपने स्वार्थ के कारण पेड़ो की कटाई कर रहें है। दुनिया का सर्वनाश होना निश्चित है तथा इंसान भी पृथ्वी जैसी ग्रह के खोज में लगे हुए है। 

पेड़ो का पूजन करने का अर्थ पेड़ो की रक्षा करना है। पुराने समय में सोचा गया यह विचार जिससे पेड़ो को काटने से पहले लोगों के मन में यह सोच विकसित हुई की पेड़ो को काटकर हम स्वम भगवन को रुष्ठ कर रहें है। आज प्रभावशाली नहीं रही, मनुष्य तकनीक का विकास कर दुनिया को छोटी रौशनी तो दिखा रहें है। परन्तु ये हमे अंधकार के गर्त में भी ढकेल रहें हैं।





पीपल के नीचे रात में नहीं सोने की सोच ये विचार जिसे पुराने समय में

पेड़ो पर भूतों के रहने के कारण लोग डरते थे।परन्तु यह सत्य था क्योंकि जिस कारण से किसी की मृत्यु हो जाए उसे तो भूत ही कहा जा सकता है।इस सोच को लोगों ने कुछ समय तक अंध्विश्वास ही माना, परन्तु वैज्ञानिको के शोध से हमे पता चला की ये कोई भूत के कारण होने वाली मृत्यु नहीं बल्कि ये प्रकृति में मौज़ूद कार्बनडाइऑक्सइड की मात्रा रात में पेड़ो के पास बढ़ जाना तथा ऑक्सीज़न की कमी से होने वाली मृत्यु है। 


रात में नाखून नहीं काटने का पुराना विचार जो अब हमपर लागु नहीं होता है। 

हज़ारो वर्ष पहले बल्ब का अविष्कार तथा बिजली की ख़ोज नहीं हुई थी। उस समय रात में बच्चों को नाख़ून नहीं काटने दिया जाता था। क्योंकि बच्चे अँधेरे या कम रौशनी वाले श्रोतो के कारण नाखून के साथ अपनी ऊँगली को भी ज़ख़्मी कर लेते थे। इसलिए उस समय रात में नाख़ून नहीं काटने की सलाह दी जाती थी। परन्तु कुछ लोग अब भी इस पुरानी विचारधारा पर चल रहें है। जबकि अभी घनघोर रौशनी करने वाले बल्ब और 24 घंटा आने वाली बिजली है। जिससे ये सलाह आज के समय प्रभावशाली नहीं है। 







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सबसे बड़ा अंधविश्वासो का देश

8:58 am
अंध्विश्वास तो पूरी दुनिया में काली छाए की तरह छाया हुआ है। अब चाहे शक्तिसाली और विकसित देश अमेरिका ,रूस,फ्रांस आदि हो या सबसे ज्यादा विविधताओं का देश भारत। सभी इस अंधश्रद्धा में जकड़े हुएँ है। 
आज हम सबसे ज्यादा अंधविश्वास में खोये जगह के बारे में जानेंगेन। 



  



जिस तरह तकनिकी क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। दुनिया पृथ्वी से निकलकर आज चाँद और मंगल पर पहुंच चुकी है।  मिसाइल,रॉकेट,हवाईजहाज,सबमरीन आदि बेहतरीन आविष्कार जिसे इस दुनिया के वैज्ञानिको ने खोजा क्योंकि वो दुसरो से अलग और शिक्षित थे।  उन्होंने हमेशा अपने लक्ष्य के बारे में सोचा ना की अंदश्रद्धा वाली झूठी बातें पर। 



अलग-अलग देशो में कई प्रकार की अंधश्रद्धा देखने को मिलती है। ऐसे ही कुछ गज़ब और आश्चर्यजनक विचारों को हम जानेंगे। और बड़े-बड़े देशों के वैज्ञानिको की श्रद्धा भी हम बताएंगे। 



विश्व का सबसे विशाल देश रूस जिसे सोबियत संग भी कहा जाता है। 
वहाँ किसी को पीला फूल देने का मतलब आप अपने ही विश्वासघात या धोखा देने को दर्शा रहें है। वहां यह भी मन जाता है की यदि आपके ऊपर चिड़िया का बीट(मल) गिर जाये तो आपके भाग्य खुल गए आप जल्द ही संपन्न व्यक्ति बन जायेंगे। वहाँ के वैज्ञानिक की श्रद्धा भी आपको चौका सकती है। 
रूस के अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाने से पहले लॉन्च पैड तक ले जाने वाली बस के पीछे के दाहिने चक्के पर पेशाब करते है। ताकि उनका मिशन सफल हो। ये कोई मन से गढ़ी हुई कहानी नहीं है।ये सच्चा अंधश्रद्धा है। 


जापान, विश्व में उगता हुआ सूरज के नाम से प्रसिद्ध देश। जहाँ माना जाता है। अगर आप किसी कब्रिस्तान से गुजर रहें है तो अपनी अंगुलियों के बीच अपने अंगूठा को छिपा ले वरना आप अपने माता-पिता के मौत की विनती कर रहें है। 


स्पेन में अगर मंगलवर को 13 तारीख पर जाये तो ये अशुभ दिन माना जाता है। वहाँ आप किसी कमरें में अगर बायां पैर से प्रवेश करते है तो यह अशुभ माना जाता है।


इसी तरह कई देशो में अंधश्रद्धा का कोहरा छाया हुआ है। अब हम भारत के कुछ अंधविश्वासो की कहानी पर प्रकाश डालेंगे। जैसा की आपको भी पता है की भारत सबसे ज्यादा ऐसे विचारों को मानने वाला देश है। यहां की श्रद्धा अनगिनत मानी जाती है। क्योंकि यहाँ हर एक शहर में आपको ऐसे विचार मिलेंगे। 

भारत में  मंगलवार के दिन बल तथा नाख़ून काटना मना है। सूर्यग्रहण के
समय सभी लोगो को घर के अंदर रहना चाहिए। खटिया के आगे का बंधा भाग को दक्षिण की तरफ नहीं रखना चाहिए। अदि कई ऐसे विचरों को सत्य माना जाता है। तथा इसका कोई सार्थक जवाब भी किसी के पास नहीं है।  











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बिल्ली का रास्ता काटना 'सबसे बड़ा बकवास'

7:07 am
बिल्ली का रास्ता काटना 'सबसे बड़ा बकवास' आज हम इसी अंध्विश्वास के बारे में समझेंगे और इसे मानने वालो को सही राह दिखाएंगे!






बिल्ली के रास्ता काटने का रहस्य और इसका सच 

भारत के लोग कुछ ऐसे-ऐसे वाक्यों पर विचार करने लगते है जो बेबुनियादी होती है। जिसका कोई बुनियाद या कोई सार्थक अर्थ ही नहीं निकलता है। और नहीं कोई ऐसा उत्तर जो इस दुनिया के नजरिये से सही है। आज हम उन्ही में से एक 'बिल्ली का रास्ता काटना' पर विचार करेंगे और उसे एक बड़ा अंध्विश्वास साबित करेंगे जो आप पहले से मानते है। पर कुछ कह नहीं पाते क्योंकि इसे कई सालो से माना जा रहा है। और इसे मानने वाले लोगो की संख्या भी बहुत बड़ी है। जो आपके सोच से सम्भव हो सका है।


बिल्ली का इतिहास 

बिल्ली जिसका का अंग्रेजी 'कैट', शब्द को लैटिन शब्द कैट्सस से 6 वीं शताब्दी के शुरुआत  उपयोग में लाया गया। अमेरिका की दूसरी पालतू जानवर बिल्ली है। बिल्लियों की सबसे ज्यादा प्रजातियां ('4.8 मिलीयन') बिल्लियां घरों में रहती है। जिसे लोग पालते है। क्योंकि बिल्लियां भी घर की सुरक्षा और बच्चों के मनोरंजन तथा उसकी रक्षा में सक्षम होतें है। 
घरेलू बिल्ली फेलिडे का एक सदस्य है, जो एक परिवार का एक सामान्य पूर्वज था जो लगभग 10 से 15 मिलियन साल पहले था। जीनस फेलिस ने 6 से 7 मिलियन साल पहले फेलिडे से विचलन किया था। फेलोजेनेटिक शोध के परिणाम इस बात की पुष्टि करते हैं कि जंगली फेलिस प्रजाति सहानुभूति या पैरापैट्रिकिक अटकलों के माध्यम से विकसित हुई, जबकि घरेलू बिल्ली कृत्रिम चयन के माध्यम से विकसित हुई। पालतू बिल्ली और उसके निकटतम जंगली पूर्वज दोनों द्विगुणित जीव हैं जिनमें 38 गुणसूत्र होते हैं और लगभग 20,000 जीन होते हैं।



बिल्ली को डायन क्यों माना जाता है।

बिल्ली की बनावट और उसकी आँखे देखने में डरावनी होती है। क्योंकि प्रकृति ने उसकी बनावट ही डरावनी की है। लेकिन कुछ प्रजातियों की बनावट बहुत खूबसूरत होती है।








बिल्ली को डायन के समान माना जाता है। जब कोई व्यक्ति किसी रास्ते
से गुजर रहा हो और बिल्ली रास्ता काट दे तो इसे अपशगुन माना जाता है। और लोग किसी दूसरे व्यक्ति का उस रास्ते से गुजरने का इंतजार करने लगतें है। ऐसा भी माना जाता है की अगर बिल्ली रास्ते को बायें से दायें तरफ से गुजरे तभी अपशगुन होता है। 




अब हम इसके बारे में कुछ तथ्य जानते है। जिससे आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की  ये केवल एक अंधविश्वास है।



बिल्ली अगर डायन है या उसके रास्ता काट देने से कुछ होता है। तो 4. 8  मिलियन बिल्लियां पालतू क्यों है। क्या उन मालिकों को डर नहीं या वे उन बिल्लियों के साथ डर कर रहते है। नहीं , उन्हें ज्ञान है की ये केवल एक गलत अवधारणा है। जिसे पुराने समय के अशिक्षितों ने डायन माना और बिल्लियों के बारे में कुछ गलत बातें जैसे बिल्ली के रोने पर किसी की मौत हो जाती है। उनके लड़ने का अर्थ, घर में कलह का उत्पन्न होना आदि।



बिल्लियां अगर वाकेहि  इतने बड़े-बड़े अपशगुणों का कारण है तो इसे दुनिया में और सभी विकसित देश क्यों नहीं जानते है। ऐसे जानवर का इस दुनिया में क्या काम जो केवल दुसरो के मृत्यु का कारण बन जाए। किन्तु नहीं आप जानते है की ये केवल एक अंध्विश्वास है। 



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दुनिया का सबसे बड़ा अंधविश्वास 'भूत'

12:26 am
क्या सच में भूत होता है? क्या आदि काल से माना जाने वाला भूत ,प्रेत, चुड़ैल होता है? या फिर ये अंधविश्वास है। जिसकी चपेट में हर कोई आ जाता है। और इसे सच मानने पर मजबूर हो जाता है। 





बचपन में आपने अपने दादी नानी से भूतों की कहानी तो जरूर सुनी होगी। तब से लेकर आज तक ऐसी कहानियाँ  सुनतें  रहें होंगे।
बचपन में हमे भूतो और चुड़ैलो पर यकीन भी हो जाया करता था। लेकिन 
अब हम शिक्षित हो चुके है और विज्ञान कहता है। जबतक पूर्ण ज्ञान  
हो जाये, उसके कारण और किसी ठोस सबूत का पता नहीं चले किसी  के भी बातों पर जल्दी विश्वास नहीं करो।


हज़ारों सालो से प्रचलित भूत,प्रेतों की कहानियाँ आज भी हम सुनते  
रहें हैं। आप भी अपने शहर या मुहल्ले में डायनों के बारे में बात करते लोगों को सुनते ही होंगे। लोगों के मस्तिष्क में इस तरह इन बातों को सुनाया 
 गया है की वह मजबूर है इन बातों को सच मानने  में। आज ऐसे बातों को सच मानने वालो लोगी की संख्या इतनी ज्यादा है की लोग डॉक्टर से ज्यादा ढोंगी बाबा अदि पर विश्वास करते है। जिसका उदाहरण हमें  न्यूज 
पेपरों में सुनने को मिलता है जिसमें किसी बच्चे के बीमारी का उपचार 
करवाने बाबाओं के पास जाते हैं जिससे उस मरीज़ को जल्द उपचार 
मिलने से मौत हो जाती है।

 भारत में ये कहानियाँ बहुत प्रचलित है। भारत में भूतों को मानने वाले लोग भी बहुत ज्यादा है। यहां का हर एक गांव,क़स्बा में ऐसे लोग मिल 
जायेगें जो ऐसी बातों को मानने को राज़ी रहतें है। लेकिन केवल हम ही 
नहीं बल्कि सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में भी उन लोगों की संख्या 
बहुत ज्यादा है जो मानते है की उनके साथ भी कोई रहस्यमय घटना घाट चुकी है। अमेरिका के 45  % लोग भूत पर विश्वास करते है। 






 कुछ ऐसे तथ्य  जिसके बाद आप भी भूत को मानने से इंकार करेंगे।

1.
किसी भी वस्तु या ऐसा चीज़ जिसे हम नहीं जानते हो के मिलने पर हमारा सबसे पहला सवाल होता है अगर वो चीज़ है तो कहां है। इसलिए हमारा पहला सवाल है. अगर भूत है तो कहां है। सबको क्यों नहीं दिखता,
क्या जिस तरह भगवान को देखने के लिए श्रद्धा होनी चाहिए। उस तरह भूत को भी देखने के लिए अंध्विश्वास होना चहिए। इस सवाल का जवाब कोई नहीं देता और बिना किसी जवाब का कोई सार्थक सवाल हो ही नहीं सकता है।

2.
अगर भूत होते है तो दुनिया में हर एक व्यक्ति जो अकारण या किसी दुर्घटना के कारण मर जाता है, भूत बनकर सबसे खुद पर हुए छोटी -से- छोटी घटना का बदला लेता जिससे दुनिया किसी के साथ किसी तरह का शोषण करने से डरता लेकिन ऐसा नहीं है। किसी का भी पैसो के लिए गला 
काटने से अपराधी कभी संकोच तक भी नहीं करता है।

3.
भूत अगर अच्छे और बुरे दोनों होते है तो इंसान जिंदगी से ज्यादा मौत पसंद करता और अपनी परिवार के साथ हँसी खुशी मौत की जिंदगी जीता 
फिर इस तरह पूरी दुनिया भूत बनकर जीना पसंद करता। इस तरह जिंदगी की ठोकर तो नहीं खाता, लेकिन ये सब झूठ है इस लिए आप ऐसा सोचें  भी नहीं।

4. कहा जाता है भूत हवा में उर भी 
सकतें हैं।उनके पास शक्तियां जाती है। और मान्यता ये भी है कि भूत अच्छे भी होतें है। तो वैज्ञानिको को चाँद और मंगल पर जाने के लिए इतने पैसों को खर्च करने की क्या
आव्य्श्यकता है भूत बनकर ही सबकुछ खोज़ ले देश का बहुत सारा पैसा बच जायेगा। लेकिन नहीं ये अंधविश्वास है।

5.
विज्ञान कहता है भूत केवल एक भ्रम है। जो हमें अकेले रहने पर ज्यादा महसूस होता और लगता है जैसे हमारे साथ कोई और भी मौज़ूद है।
हम जो फिल्मों में देखतें है वह हमारे साथ होने का डर बन जाता है। हमारा मस्तिष्क इन विचारों को बहुत गहराई से रखता है। क्योंकि हम ऐसी फिल्मों को बड़े गौर से देखते और इसपर सोचतें  हैं।



दुनिया का सबसे बड़ा अंधविश्वास 'भूत' दुनिया का सबसे बड़ा अंधविश्वास 'भूत' Reviewed by vikas kumar on 12:26 am Rating: 5

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